ज़मीं और आसमां मिल जाए ये तो फिर भी मुमकिन है , मगर एक दोस्त , दुनिया में बड़ी मुश्किल से मिलता है ।
अगर ये सच है तो मैंने इस सच को अपनी रूह की गहराईयों से जिया है । मेरी ज़िन्दगी में दोस्ती उस ताकत की तरह रही है , जिसने मुझे हर मुश्किल में संभाला है , वो प्रेरणा रही है , जिसने मुझे हमेशा सही राह दिखाई है , वो रौशनी रही है , जिसने मुझे हर अंधेरे से उबारा है । मैं शायद भावुक हो रही हूं लेकिन सच यही है, तो है । मेरे लिए दोस्ती कभी भी कोई ऐसा औपचारिक विषय नही रही जिस पर मैं कोई लेख लिखूं या विचार व्यक्त करूं । मैं इस लफ्ज़ को जीती आई हूं। ख़ुदा की ये नेमत मुझे सौगात में मिली है । ज़िन्दगी ऐसे भी कई मौके आए , जब ख़ुद से भी भरोसा उठ गया ,हर रास्ते बंद से महसूस हुए , लेकिन ऐसे वक्त में भी मेरी आखों में उम्मीद के दिए जलते रहे जिनकी लौ में मेरे दोस्तों का मुझ पर यकीन जगमगा रहा था। सोचती हूं आज फ्रेंडशिप डे के मौके पर अगर कुछ देना भी चाहूं तो क्या दूं उन्हें , जिन्होंने मुझे ज़िन्दगी पर और मुझ पर मेरा विश्वास दिया । क्या बाज़ार में सजे बेशकीमती कार्ड्स , गिफ्ट्स और सजावटी - बनावटी सामान काफ़ी हो पायेंगे , मेरा धन्यवाद उन तक पहुंचने में ? शायद नही ... !क्या दे सकती हूं मैं अपने दोस्तों को सिर्फ़ अपनी भावना और शुक्रिया के सिवा ... ।
शुक्रिया कि उन्होंने मुझ पर मुझसे बढ कर यकीन किया , मुझे मेरे ही रूप में स्वीकारा, मेरी हँसी ही नही मेरे आंसूयों का भी मोल जाना , मेरे साथ तब भी रहे , जब मेरा साया भी मेरा साथ छोड़ रहा था । मैंने अपनी कामयाबी के मोती और नाकामी की किरचें , दोनों ही अपने दोस्तों से बाटीं हैं और आज बस इतना ही कहना चाहती हूं कि मेरे लिए दोस्ती महज़ एक लफ्ज़ नही , ज़िन्दगी है... ,ख़ुदा है... । मैंने इसे जिया है और अगर आप भी हैं मेरी तरह खुशनसीब तो आपको भी फ्रेंडशिप डे की असीम शुभकामनाएँ ... !अपने दोस्तों को हमेशा अपने दिल के करीब रखियें क्योंकि यही वो मोती हैं जो ज़िन्दगी को आब देते हैं और जब कोई मुश्किल आन पड़े तो उस से लड़ कर जीतने की ताब देते हैं ।
'' मैं '' प्रतिमा ... !
माटी में बीज सा ख़ुद को बोना, बरखा सा ख़ुद ही बरसना, फिर उगना ख़ुद ही जंगली फूल सा. कांटना-छांटना-तराशना-गढ़ना ख़ुद को आसान नहीं होता. सिद्धि प्राप्त करनी होती है ख़ुद तक पहुँचने के लिए. धार के विपरीत बहना पड़ता है थकान से भरी देह उठाये तय करना पड़ता है रास्ता बिलकुल अकेले. दूसरों पर जय पाने से पहले ख़ुद को जय करना (जीतना) होता है...तब बनता है कोई "स्वयंसिद्ध" !!
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1 टिप्पणी:
बहुत ही भावपूर्ण व प्रेरणादायक पोस्ट. मित्रता दिवस की आपको शुभकामनायें. आभार.
चन्दन कुमार झा
गुलमोहर का फूल
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