माटी में बीज सा ख़ुद को बोना, बरखा सा ख़ुद ही बरसना, फिर उगना ख़ुद ही जंगली फूल सा. कांटना-छांटना-तराशना-गढ़ना ख़ुद को आसान नहीं होता. सिद्धि प्राप्त करनी होती है ख़ुद तक पहुँचने के लिए. धार के विपरीत बहना पड़ता है थकान से भरी देह उठाये तय करना पड़ता है रास्ता बिलकुल अकेले. दूसरों पर जय पाने से पहले ख़ुद को जय करना (जीतना) होता है...तब बनता है कोई "स्वयंसिद्ध" !!
शनिवार, 15 अगस्त 2009
(15) जश्ने आज़ादी सबको मुबारक ... !
आज़ादी की खूबसूरत सौगात ले कर आयी आज की तारीख हम सबके लिए एक ख़ास अहमियत रखती है । आज १५ अगस्त है । सुबह से ही गली - चौराहों , स्कूलों - कॉलेजों , ऑफिसों और रेडियो पर देश - भक्ति गीत बज रहे हैं । हर हाथ में तिरंगा शान से लहरा रहा है । जिसे देखो वही देश भक्ति के रंग में रंग कर इतरता फिर रहा है ।सचमुच बहुत ही अच्छा लग रहा है , मगर कल ... । कल शायद तारीख पुरानी पड़ते ही ये सारी बातें भी पुरानी हो जायेगीं । देश भक्ति के गीत बजने बंद हो जायेगें , दैनिक व्यस्तता में देश - प्रेम की बातें बिसरा दी जायेगीं और आज हाथ - हाथ में शान से लहरा रहा तिरंगा कल कचरे के डिब्बे में पहुँच जायेगा । माफ़ कीजियेगा अगर मेरी बातें बुरी लगें लेकिन क्या करूं सच यही है । आज़ादी के जश्न के मायने अब हमारे लिए एक छुट्टी से ज़्यादा नही रहे । कितना अच्छा हो , अगर हम आज के दिन घूमने - फिरने , पिक्चर देखने और मौज - मस्ती करने के साथ ही साथ एक बार ही सही अपने देश के बारे में सोच सकें । अपने बच्चों को आज़ादी के सही मायने समझा सकें और वाकई पूरी ईमानदारी से कह सकें - हाँ ... हमें भारतीय होने पर गर्व है । अगर आप ऐसा कर पाए हैं तो आपको स्वतंत्रता दिवस की असीम शुभ कामनाएँ ... !
मैं- प्रतिमा !!!
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2 टिप्पणियां:
सच ...कुछ गीत तो जैसे वक़्त के कुहरे में गम हो गए ..!
बडाही सुंदर लिखा है आपने!
आज़ादी की ढेरों शुभकामनायें !
जश्ने आज़ादी और ज़ियादा, और ज़ियादा...
"मेरी जान रहे ना रहे ,
मेरी माता के सरपे ताज रहे "
अपनी आज़ादी को कोसना,मतलब उन तमाम शहीद जिनके कारण हम आजाद हुए, उनका अपमान करना!
हरगिज़ नही, हरगिज़ नही..!
http://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
आपका कहना सच है .. .......... पर चाहे एक दिन ही सही........ याद तो रखना ही चाहिए ..........
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