मंगलवार, 1 सितंबर 2009

एक सुंदर अनुभव ...!




सम्पूर्ण विश्व को अपनी मोहन वीणा के सुरों से मोहने वाले महान कलाकार पद्मश्री पंडित विश्व मोहन भट्ट जी को कौन नहीं जानता । अपने काम के सिलसिले में यूं तो मुझे अक्सर ही बड़े लोगों और गुरुजन का सानिध्य पाने का सुअवसर मिलता रहता है लेकिन पिछले दिनों जब पंडित वि० मो० भट्ट जी से मिलने का सुयोग बना तो पहला विचार मन में यही आया कि ये अनुभव आपसे भी बंटाना है । आख़िर मेरे स्वप्नाकाश में मेरे सहचर अब आप भी तो हैं । पंडित जी जैसे सरल ,स्वर्ण हृदय , स्नेही , मृदुभाषी ,आत्मीय अंतर्राष्ट्रीय महान कलाकार से वो बहुत ही सहज और अन्तरंग मुलाक़ात मेरे जीवन का अविस्मरणीय अनुभव है और ये कुछ चित्र उन्हीं यादगार पलों के स्मृति - अंश हैं ।
''मैं'' प्रतिमा .....!

2 टिप्‍पणियां:

मोहन वशिष्‍ठ ने कहा…

वाह जी वाह बहुत अच्‍छा उनसे हमें भी रूबरू करवाने के लिए आपका धन्‍यवाद प्रतिमा जी

Chandan Kumar Jha ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रतिमा जी.

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