
चाहत के जाम लेकर ,
दिलकश पयाम ले कर ,
खुशियां तमाम लेकर ,
फिर ईद आ गई है !
कोई भी शिकायत हो ,
कैसी भी अदावत हो ,
मन में न कुछ भी रखना ,
सबको गले लगाना,
ये जश्ने दोस्ती है ,
पैगामेज़िंदगी है ,
सबको यही खुशी है ,
कि ईद आ गई है ।
बच्चे उमंग में हैं ,
मस्ती तरंग में हैं ,
घर -घर से सेवईयों की ,
खुशबुयें उठ रही हैं ,
राहों पे हैं निगाहें ,
हर लब पे हैं दुआएं,
उठती हैं ये सदायें ,
लो , ईद आ गई है ।
प्रतिमा !!!!!!!!
4 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर शुभकामनायें ।
बढिया है जी ईद मुबारक हो ।
ED KI BAHOOT BAHOOT MUBARAK ...SUBDAR KAVITA HAI ...
एक टिप्पणी भेजें