
बीते सितम्बर माह में मुझे कोलम्बो (श्रीलंका) जाने का अवसर मिला । हमारी फ्लाईट बोध - गया से थी सो पहले हम वहाँ पहुंचे, फिर वहाँ से कोलम्बो । इस पूरी यात्रा में बहुत कुछ देखने समझने का मौका मिला । श्रीलंका आशंका के प्रतिकूल एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक जगह थी । एक तरफ़ शहर , दूसरी तरफ़ समंदर ... । धूप के बावजूद हवा में एक अजब प्यारी सी नमी थी । श्रीलंका को एक बुद्धमय देश कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी । हर तरफ़ भगवान तथागत बुद्ध के दर्शन किए जा सकते हैं । सड़कों पर भी जगह-जगह भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमाएँ स्थापित हैं । हमने कोलम्बो से तकरीबन ५०-६० किमी दूर कलूतरा नाम के स्थान पर भगवान बुद्ध के एक बेहद सुंदर मन्दिर के दर्शन किए । इस मन्दिर की ये विशेषता है कि ये स्तूप के आकार का है और इसकी परिक्रमा भीतर से की जा सकती है । प्रचलित रूप में बौद्ध स्तूप की परिक्रमा बाहर से की जाती है । (ये जानकारी मुझे जयसूर्या ने दी , जो श्रीलंका का स्थानीय निवासी होने के साथ ही इस यात्रा में हमारा ड्राईवर और गाईड भी था ।) स्तूप रुपी इस मन्दिर के भीतर चारों ओर भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमाएँ थीं । चारों तरफ दीवार पर उनके जीवन पर आधारित चित्र उकेरे हुए थे । एक अलौकिक शान्ति की अनुभूति से युक्त ये मन्दिर सचमुच बहुत सुंदर था ।
प्रतिमा ...!