बुधवार, 11 नवंबर 2009

मुझे क्षमा करें


मैं सचमुच तहेदिल से माफ़ी मांगना चाहती हूं कि मैं हिन्दी बोलती हूं , हिन्दी लिखती हूं , शायद हिन्दी में ही सोचती भी हूं . मैं हिन्दी प्रदेश में पैदा हुई हूं , मेरे माता - पिता हिन्दी भाषी हैं ।अब तक नहीं थी लेकिन अब मैं सचमुच इस बात से शर्मिंदा हूं और भयभीत भी ... । पता नही क्या हो , कब मुझे हिन्दी बोलने के लिए दण्डित कर दिया जाय, नहीं जानती । मुंबई बहुतेरे लोगों कि तरह मेरी भी स्वप्न नगरी है मगर अब अपनी इस स्वप्न नगरी में जाने का ख्याल मुझे डरा रहा है क्योंकि मैं अपराधी हूं । मैं हिन्दी भाषी हूं।

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दिगम्बर नासवा ने कहा…

JO KUCH BHI MAHARAASHTRA MEIN HUVA VO SHARM KI BAAT HAI .. PAR HUM SAB HINDI VAASIYON KO AUR PRAYAAS TEZ KAR DENA CHAAHIYE KI SAB HINDI MEIN HI BAAT KAREN KHAS KAR JAB MAHARAASHTRA MEIN HON ...

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