मंगलवार, 28 जुलाई 2009

(3) ये कैसा सच ... !

आजकल स्टार प्लस पर कई लोग सच का सामना कर रहे हैं और रूपये जीत रहे हैं । ये बात दूसरी है कि उनका सच सुनने वालों का सर शर्मिंदगी से झुका जा रहा है । जिंदगी में गलतियां शायद हर किसी से होती होगी मगर कभी-कभी बीती बातो को भुला कर अपने आज में जीना ज्यादा सुकून देता है । ख़ुद को भी और दूसरों को भी । फिर भला ऐसी बातों की बेशर्म नुमाइश का क्या मतलब ? और मज़े की बात ये कि अगर सच bolne wala बेचारा नौ सच के बाद agla झूठ बोल दे to pahle कि jeeti sari रकम भी डूब jati है । यानि maya मिली न ram । सच बोल कर phajihat हुई , रूपये भी गए । कितना achchha होता कि ऐसे programs में आम आदमी को निशाना बनने की bajaay politicians को बुलाया jata और उनके सच की पोल kholi jati । kuchha to bhalaa होता लोकतंत्र का ।

pratima sinha

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