सोमवार, 23 मार्च 2020

सलाम सीमा कुशवाहा !

ये हमारी नयी हीरो हैं.

अगर आप नहीं होतीं तो हमारी निर्भया को इंसाफ़ शायद ही मिल पाता. बिना एक भी रूपये फ़ीस लिए जिस तरह से आपने आशा देवी का केस लड़ा वो बेमिसाल उदाहरण है. आप जैसे वकीलों ने ही न्याय व्यवस्था की नींव थाम रखी है.

हम आपको सैल्यूट करते हैं एडवोकेट सीमा कुशवाहा.

1 टिप्पणी:

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

वाकई हमारी हीरो है , एक शातिर वकील से जंग जीतना आसान नहीं था । मालूम है ये मेरा अधूरा सपना है - मैं वकील ही बनना चाहती थी।

अवसाद के भय से जूझता मध्यमवर्ग !

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