शनिवार, 22 जनवरी 2011

कविगोष्ठी से हुया सेतु के कार्यक्रम कैलेण्डर- 2011 का शुभारम्भ....!

बनारस की कल्चरल संस्था " सेतु " ने पिछले पन्द्रह से भी ज़्यादा सालों से इस पावन नगरी की भाव-धारा को प्रवाहमान रखने में अपनी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है . इसके बैनर तले वर्षपर्यन्त होने वाली कला-नाटक-संगीत-साहित्य और समाज-सेवा से जुडी गतिविधियाँ इसकी पहचान बन चुकी हैं. पिछले नौ सालों से मुझे भी समन्वयक के रूप में इससे जुडने का सुअवसर मिला है.
इस वर्ष से सोचा है कि मैं इसके अन्तर्गत होने वाले छोटे ( महत्व नहीं, आयोजन-संयोजन की द्रिष्टि से...) और बडे सभी कार्यक्रमों का अपने ब्लोग पर भी उल्लेख करूँगी ताकि ये सारे अनुभव और उपलब्धियाँ आप सब अपनों से भी बाँट सकूँ. चाहती तो थी कि " सेतु " के लिये अलग से एक ब्लोग ही बना दूँ मगर अभी किन्हीं वजहों से ऐसा करना संभव नही हो पा रहा तो तब तक मेरे आकाश पर ही " सेतु " का एक कोना....!
पढने में सुविधा हो इस लिये सेतु - भाव से भाव तक...  के नाम से एक नया लेबल रच रही हूँ ताकि इनडैक्स के माध्यम से पोस्ट ढूँढने में आसानी हो. इस क्रम में इस वर्ष की पहली काव्य-गोष्ठी की चर्चा... !
नगर बनारस में शिल्पकला, चित्रकारी और काव्य रचना  के लिये पहचाने जाने वाले एवं बेहद सरल-सपाट और साफ़ मन के साथ खरा बोलने वाले इंसान के रूप में सराहे जाने वाले श्री नरोत्तम शिल्पी का ६७ वाँ जन्मदिन
" सेतु " ने अपने ही कार्यालय के सभा-कक्ष में बीस जनवरी की शाम को मनाया. वैसे जन्मदिन तो बस बहाना था.दरअसल ये बनारस और सेतु के मिज़ाज के अनुरूप साहित्यिक व आत्मीय परिवेश में एक लघु आयोजन का प्रयास था जो सब अपनों और वरिष्ठजन के आशीर्वाद से सफ़ल रहा.
लगभग तीन / साढे तीन घंटे चली इस गोष्ठी में पहले सबने शिल्पी जी को यथोचित स्नेह-शुभकामना-आशीर्वाद प्रदान किया, तदोपरान्त जल-पान के बाद काव्य-गोष्ठी के माध्यम से उन तक काव्यात्मक बधाइयाँ प्रेषित की गयीं. इस लघु परन्तु सुन्दर आयोजन की गरिमा बढाते हुये अध्यक्ष-पद सुशोभित किया यू०पी०रत्न और अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध नवगीतकार पं० श्रीक्रिष्ण तिवारी ने. नगर के जाने-माने साहित्यकारों एवं रचनाकारों ने आयोजन को सार्थक किया. इस कुछ चित्रों के माध्यम से आप भी जुड जाइये उस भावमयी संध्या से.....
कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठजन... श्री अशोक आनंद, पं०श्रीक्रिष्ण तिवारी, शिल्पी जी, पं० मारकन्डेय त्रिवेदी, श्री लालचन्द गुप्त व अन्य....

अध्यक्ष महोदय का अभिनंदन करते शिल्पी जी...
शिल्पी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते आकाशवाणी, वाराणसी के वरिष्ठ उद्घोषक एवं संवेदनशील रचनाकार                श्री अभिनव अरुण....

एक आत्मीय क्षण....
अपने उदगार व्यक्त करते शिल्पी जी....
स्थानीय मीडिया से मुखातिब पं० श्रीक्रिष्ण तिवारी जी...
कविताओं का आस्वादन करते श्री विनय कपूर ‘गाफ़िल’ , डा० मंजरी पाण्डेय व अन्य...
भावविह्वल शिल्पी जी....
 वरिष्ठ अधिवक्ता एवं संवेदनशील कवि डा० राम अवतार पाण्डेय और श्री अरुण कुमार पाण्डेय " अभिनव "...
सबको संबोधित करते वरिष्ठ समीक्षक, रचनाकार,प्रकाशक एवं हिन्दी की विद्वान डा० जितेन्द्र नाथ मिश्र जी...
अपनी रचना का पाठ करते अरुण कुमार पाण्डेय " अभिनव " जी...
रचना-पाठ करते श्री धर्मेन्द्र गुप्त "साहिल" जी...
रचना पाठ करते शंकर "बनारसी"...
शिल्पी जी को आशीर्वाद देते अध्यक्ष महोदय....
पं० श्री क्रिष्ण तिवारी जी के साथ मैं "प्रतिमा "
"सेतु" के सचिव एवं कार्यक्रम संयोजक श्री सलीम राजा...
 

3 टिप्‍पणियां:

Kalpana ने कहा…

इतनी खूबसूरत शाम से हमे जोडने के लिये तहेदिल से आपका धन्यवाद....लेकिन संतुश्टि तब मिलेगी जब आप इस शाम को थोडा और विस्तार देंगी...

Vibha Rani ने कहा…

बढिया. सभी आदरणीयों के साथ श्री और जी दोनों लगाना आवश्यक नहीं. बस, एक सुझाव. मारना मत.

pratima sinha ने कहा…

कल्पना , मुझे भी लग रहा है कि ये रिपोर्ट कुछ अधूरी सी है.इसमें कविताओं और गज़लों के कुछ अंश भी होने चाहिये थे... है न. मगर क्या करूँ... समयाभाव और थोडे बहुत आलस की वजह से ये छूट गया. अगली दफ़ा इसका ख्याल रखा जायेगा.

विभा दी, आप शत-प्रतिशत सही हैं . अगली बार ये गलती नहीं होगी.

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