सोमवार, 13 सितंबर 2010

जुगलकिशोर जी के साथ साक्षात्कार के अंश...

आमिर खान प्रोडक्शन की फ़िल्म पीपली लाइव में मुख्यमंत्री की भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ कलाकार जुगल किशोर जी से मुलाकात का अवसर मिला. इस पोस्ट में इसी मुलाकात में की गयी कुछ बातों को शब्दों में बाँध कर प्रस्तुत कर रही हूँ-

हिन्दी बेल्ट में रंगमंच की स्थिति पर आपका क्या सोचना है ? हिन्दी रंगमंच को आज कहाँ पाते हैं आप ?

हिन्दी रंगमंच की स्थिति आज निश्चित रूप से संतोषजनक नहीं कही जा सकती है.वो गुणवत्ता अब नही रही जो पहले हुआ करती थी.हाँलाकि रंगमंच के लिये सुविधाएं ज़्यादा हो गयी हैं फिर भी वो क्वालिटी अब देखने को नहीं मिलती. वजह ये है कि हिन्दी रंगमंच अब भी प्रोफ़ेशनल का दर्जा हासिल नही कर पाया है. पैसे और शोहरत के लिये अच्छे कलाकार टीवी या फ़िल्म की ओर रूख कर लेते हैं .बिना किसी लाभ या पैसे के थियेटर करने वाले दीवाने कम ही मिलेगे और अगर मिलें भी तो क्वालिटेटिव वर्क ही उनकी प्राथमिकता होगी, जो कम हो चुका है 

आप रंगमंच का जाना-माना नाम हैं. आपकी फ़िल्म पीपली लाइव भी इस समय विश्वस्तर पर चर्चा में है.एक धारणा ये बनी हुई है कि अगर रंगमंच के कलाकार सिनेमा की ओर रूख करते हैं तो ये उनमें रंगमंचीय समर्पण में  कमी का द्योतक है. दोनों माध्यम को जीने के बाद आपका इस धारणा में कितना विश्वास है ?

बिलकुल नहीं !  रंगमंच और सिनेमा दो अलग स्तर की अभिव्यक्तियाँ  हैं जिनमें तुलना व्यर्थ है . एक अच्छा  और अच्छे काम के लिये उत्सुक कलाकार इन दोनो ही माध्यमों से खुद को व्यक्त करना चाहेगा और उसे ऐसा करना भी चाहिये. नाटक और सिनेमा में एक सबसे बडा अंतर है पहुँच का. मैं इस वक्त यहाँ बैठा आपसे बातें कर रहा हूँ और इसी वक्त दुनिया के तमाम थियेटर में मेरी फ़िल्म चल रही होगी और मैं एक्टिंग कर रहा हूँगा, ये है सिनेमा की रीच. नाटक एक बार हो कर खत्म हो जाता है . फिर उसकी चर्चाएं होती हैं, समीक्षाएं होती हैं, अखबार में खबर छपती है, लेकिन नाटक खत्म हो जाता है, अगले शो तक के लिये .... , लेकिन फ़िल्म चलती रहती है. आप सो रहे हों तो भी आपका काम देखा जाता है, आप न भी रहें तो आपका काम रहता है और आपको भी ज़िन्दा रखता है , तो ये पहुँच है सिनेमा की. फ़िल्म और थियेटर के बीच भेद-भाव  की बातें बेसिर-पैर की हैं . बल्कि मुझे तो लगता है कि समर्थ कलाकार को दोनो ही माध्यमों में काम ज़रूर करना चाहिये. लोगों को भी अच्छा काम देखने को मिलेगा.

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