एक महीने की इबादत ,रोज़े,नमाज़,तरावीह और जब्त के साथ बिताये गये वक्त का ईनाम मिलने ही वाला है. चाहत का जाम लेकर, दिलकश पयाम लेकर,खुशियाँ तमाम लेकर,लो ईद आ रही है...कितने खुशकिस्मत हैं हम लोग,जो हिन्दुस्तान में पैदा हुए हैं और हमें कुदरत और इंसान दोनो की बख्शीं नेमतें और खुशियाँ जीभर के जीने का मौका ऊपर वाले ने दिया है. जिस-जिस तक मेरे ये अल्फ़ाज़ पहुँचे, उन सबको मेरी और मेरे वतन की ओर से ईद की ढेरों मुबारकें...!
सब खुश हों ,हर मुँह में सेंवई की मिठास हो, हर ज़ुबान पर अमनोअमान के लिये दुआएं हों, हर दिल में सबके लिये प्यार-दोस्ती हो, हमारे लिये तो बस यही सबसे कीमती ईद हो जायेगी.और ये एक बहुत प्यारा सा शेर ,आप सबके लिये, जो मेरे शहर और अदबोशायरी के बहुत मकबूल और हरदिलअज़ीज़ शाएर जनाब मेयार सनेही की कलम से निकला है -
शामिल हैं जश्न-ए-ईद में सब मज़हबों के लोग,
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ईद की दुआएं, सबके लिये |
शामिल हैं जश्न-ए-ईद में सब मज़हबों के लोग,
ऐसे मनाई जाती है हिंदोस्ताँ में ईद .
1 टिप्पणी:
सभी को ईद की मुबारकबाद
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