शनिवार, 27 फ़रवरी 2010

लायी है हज़ारों रंग होली !

होली का मतलब चहुँ ओर रंग ही रंग ! प्यार का , दोस्ती का , स्नेह का , अमनोशांति का , सौहार्द का , मेल - मिलाप का रंग । ऐसा रंग जो सबको एक ही रंग में सराबोर कर दे । सच ..., मन सारी दुश्वारियों के बावजूद हरबार कुछ ऐसी ही कल्पना , ऐसी ही ख्वाहिश करता है कि काश यही सारे रंग न सिर्फ मुझे बल्कि मेरे सारे मुल्क को , सारी दुनिया को रंग दे और ऐसे रंग दे कि रंग नाही छूटे। मगर इन सारी सुन्दर और रंगीन कल्पनाओं के बीच मन कभी - कभी उदास भी हो जाता है । कैसे होगें वो लोग , जिन्होंने बीते वक्त में , गुज़ारे साल में अपने कुछ लोग खो दिए होगें ? जिन पर कुछ ऐसी दुःख - तकलीफ आ पड़ी होगी जिसे उम्र भर भुलाया नहीं जा सकता होगा । जिनकी ज़िन्दगी के हर रंग में एक काला, सियाह रंग घुल गया होगा । वो क्या कर रहे होगे अबकी होली में ? हो सकता है मैं इनमें से कुछ को जानती हूँ ,कुछ को नहीं जानती हूँ , हो सकता है मैं इन सबसे जीवन में कभी न मिलूँ , मगर फिर भी जाने क्यों मन उन सबको याद कर रहा है । सच है दुःख - सुख की सबकी अपनी -अपनी परिभाषा होती है । पिछले गुज़ारे वक्त में हुए हादसों , दुर्घटनाओं के शिकार हुए लोगों की ज़िन्दगी में फिर से जीने के रंग खिलने की दुआ के साथ मैं बस एक उम्मीद करना चाहती हूँ कि कोई भी ग़म कभी इतना बड़ा न हो कि ख़ुशी उसके आगे अपना हौसला खो दे , कोई भी अँधेरा इतना बड़ा न हो कि रौशनी उसके आगे अपने ताकत खो दे। ज़िन्दगी हर हाल में ज़िन्दगी रहे । धड़कनों से भरपूर , उम्मीद के रंगों से भरी हुयी ।

प्रतिमा !!!

2 टिप्‍पणियां:

Chandan Kumar Jha ने कहा…

सुन्दर पोस्ट ।

दीदी आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें ।

शरद कोकास ने कहा…

आपको भी रंगपर्व की शुभकामनायें

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