शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

ज़िंदगी का एक सफहा और पलट गया . देखते ही देखते एक और साल पुराना हो गया . अतीत का हिस्सा बन गया . पता नहीं क्यों मन उदास सा है . जो बीता मन की पसंदगी में तो शामिल नहीं था , उसने जाते हुए कुछ कभी न भूलने वाले ज़ख्म भी दिए , आखों को अश्कबार किया , कुछ बहुत गहरे विश्वास हिलाए , कुछ बहुत कड़वी यादें दीं  , फिर भी इसे विदा कर के मन उदास है . शायद जाते के लिए उदास होना मन की फितरत है .......
मगर मैं इस लम्हे में इस उदासी को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहती . जाते हुए लम्हों को जाते देखने के साथ आते हुए वक्त का इस्तकबाल भी तो करना है. गए हुए के किये कि सज़ा आने वाले को नहीं दी जा सकती . आखिर  अभी तो उसने अपने दामन में हमारे लिए उम्मीद के नायाब मोती भर  कर रखें ही है न ..........! 
... तो आगत का हार्दिक स्वागत करते हुए मेरे सभी अपनों , स्नेही जन , स्वजन , आत्मीय और मित्रों को नव वर्ष की असीम शुभ - कामनाएं !!!
बीते साल का आखरी हिस्सा बेहद मसरूफियत भरा रहा . ये मसरूफियत यूं तो मन को बहुत भाती है क्यों कि इसमें रोज़ के लिए एक नया मकसद छुपा होता है , लेकिन बुरा बस ये लगा कि इस अरसे में मुझे अपने अपनों से न चाहते हुए भी दूर रहना पड़ा , नेट पर भी बहुत कम बैठ पाई . नये साल में फिर नयी उम्मीद के साथ अपने अपनों से जुड कर नया आकाश सिरजना है ....
सो फिर से नयी उम्मीद भरी शुभ - कामनाओं के साथ 

हर्ष नव 
वर्ष नव 
जीवन उत्कर्ष नव  !कर रखें

1 टिप्पणी:

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .

सादर

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